‘बात मुझसे
करो तुम न उस मौत की, शक्ल जिसने
अभी तक दिखाई नहीं।
हर्ष में, शोक में, राग में, द्वेष में, आदमी के कभी काम आई
नहीं।’
इन पंक्तियों
के अमर रचनाकार डॉ.मोहन अवस्थी का सोमवार की रात(2 APRIL) लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। भावपूर्ण श्रद्धांजली-डा आर बी सिंह
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