Apr 18, 12:19 am
जौनपुर : महर्षि यमदग्नि की तपोस्थली व शर्की सल्तनत की राजधानी रहा शैक्षिक व ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध शिराजे हिन्द जौनपुर आज भी अपनी ऐतिहासिक व नक्काशीदार इमारतों के कारण न केवल प्रदेश में बल्कि पूरे भारत वर्ष में अपना अलग वजूद रखता है। नगर में आज भी कई ऐसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारतें है जो इस बात का पुख्ता सबूत पेश करती हैं कि यह नगर आज से सैकड़ों वर्ष पूर्व एक पूर्ण सुसज्जित नगर रहा होगा। ये इमारतें आज भी अपनी बुलंदी पर इतराती हैं और लगता है कि मानो कह रही हों कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।
नगर के ऐतिहासिक स्थलों में प्रमुख अटाला मस्जिद, शाही किला, शाही पुल, झंझरी मस्जिद, बड़ी मस्जिद, चार अंगुल मस्जिद, लाल दरवाजा, महर्षि यमदग्नि तपोस्थल, जयचन्द्र के किले का भग्नावशेष, सगरे का कोट आदि आज भी अपने ऐतिहासिक स्वरूप एवं सुन्दरता के साथ मौजूद है। देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी (वाराणसी) जनपद के निकट होने के कारण दूसरे प्रांतों के अलावा विदेशी पर्यटक यहां आकर ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण कर यहां की पच्चीकारी संस्कृति की सराहना करने से नहीं चूकते। वही दूसरी तरफ शासन द्वारा पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर किसी भी प्रकार की स्तरीय व्यवस्था न किये जाने से उन्हे काफी परेशानी भी होती है। यहां के सभी ऐतिहासिक व दर्शनीय स्थलों से सम्बन्धित प्रमुख चौराहों, रेलवे स्टेशनों, पड़ाव तथा बस अड्डों पर ऐतिहासिक स्थलों का नाम सहित संक्षिप्त विवरण, मार्ग की दूरी व उनका पूरा चित्र यदि दर्शा दिया जाय तो बाहर से आने वाले पर्यटकों एवं यात्रियों को काफी सुविधा मिल सकती है। इन स्थलों की ठीक-ठीक जानकारी न होने के कारण पर्यटकों के साथ 'ढूंढते रह जाओगे' वाली स्थिति कभी-कभी दिखलायी पड़ती है।
इन सभी इमारतों का निर्माण 14वीं सदी से लेकर 16वीं सदी के बीच हुआ है। कोई इमारत 400 साल तो कोई 500 साल से अपनी बुलंदी पर इतरा रही है। इनमें कुछ की स्थिति बीच में थोड़ी-बहुत खराब हुई लेकिन पुरातत्व व पर्यटन विभाग ने इनका जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया है। अफसोस यह कि इसकी रफ्तार नौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर ही हो रहा है। इमारतों की सुंदरता बरकरार रखने के लिए कभी किसी भी जनप्रतिनिधि को आवाज उठाते नहीं सुना गया। कही मध्यकालीन अभियंत्रण कला तो कही पच्चीकारी संस्कृति को देख आज भी लोगों की आंखे खुली की खुली रह जाती है। ऐसी सुंदरता शायद ही किसी अन्य इमारत में देखने को मिले।
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